Taleemate Khwaja (Rohhani wa Bateeni)

किताब असरारे हक़ीक़ी हिन्दी ज़बान में Share की जा रही है ताकि आपको म’अलूम हो जाए हमारे आक़ा, हिन्द के बादशाह, हिन्दल वली, ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ रहमतुल्लाहि अलैह ने जो ख़त लिखा था अपने महबूब ख़लीफा हज़रत ख़्वाजा क़ुतुबुद्दीन बख़्तियार काकी रहमतुल्लाहि अलैह को, उसमें क्या मज़ामीन हैं।
वाज़ेह रहना चाहिए कि येह इल्मे हक़ीक़ी की बातें हैं और इन्हें समझने के लिए ला मुहाला किसी पीरो मुर्शिद या हिदायत याफ़ता शख्स की मदद दरकार है।
येह किताब हम ख़ास तौर पर उनके लिए Share किये हैं जो हकी़की़ मुरीद हैं और जो हक़ की तलाश में सर गर्दा हैं।
हमने पूरी कोशिश की है कि आसान लफ्ज़ ब लफ्ज़ आपके सामने पेश किया जाए। फिर भी कोई भूल हो गई हो तो ख़्वाजा साहब से म’आफ़ी चाहते हैं और आपसे दरख़्वास्त है कि आप अगर उर्दू जानते हैं तो ओरिजिनल किताब से मिला सकते हैं और अपने पीरो मुरशिद से बात करके समझ सकते हैं।
अल्लाह हमें तौफीक़ दे कि मुहम्मद मुस्तफा ﷺ के नक़्शे कदम पर चलें और अल्लाह हमारे दिल को ऐसे ईमान से ज़िन्दा करे जैसा कि इसका हक़ है।

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