Tarke Duniya I

हज़्ज़तुल इस्लाम ईमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाह अलैह मुकाशफतुल क़ुलूब में तहरीर फ़रमाते है की  कु़रआने मजीद और अहादीस में दुनिया की मज़म्मत और दुनिया से तवज्जोह हटा कर आखि़रत की जानिब माइल करने के लिए बेशुमार आयतें और रिवायात हैं बल्कि अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम को भेजने का सबब यही चीज़ थी यानी तर्के दुनिया

हज़्ज़तुल इस्लाम ईमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाह अलैह मुकाशफतुल क़ुलूब में तहरीर फ़रमाते है की  कु़रआने मजीद और अहादीस में दुनिया की मज़म्मत और दुनिया से तवज्जोह हटा कर आखि़रत की जानिब माइल करने के लिए बेशुमार आयतें और रिवायात हैं बल्कि अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम को भेजने का सबब यही चीज़ थी यानी तर्के दुनिया

क़ुरआन में अल्लाह फ़रमाता है :

“जो आख़िरत की खेती चाहे हम उसके लिये उसकी खेती बढ़ाएं और जो दुनिया की खेती चाहे हम उसे उसमें से कुछ देंगे और आख़िरत में उसका कुछ हिस्सा नहीं”। (कंजूल ईमान, सूरह शूरा, आयत न. 20) 

दुनिया मोमिन के लिए कैद खाना

हुजू़र ﷺ ने फ़रमाया दुनिया मोमिन के लिए कैद खाना और काफ़िर के लिए जन्नत है। (मुकाशफुतुल क़ुलूब, बाब 31, पेज 187)

दुनिया मलऊन है

हुजू़र ﷺ ने फ़रमाया दुनिया मलऊन है, उस की हर वह चीज़ मलऊन है जो अल्लाह के लिए न हो। (मुकाशफुतुल क़ुलूब, बाब 31, पेज 187)

आख़िरत को तर्जीह दो :

हज़रते अबू मूसा अशअरी रज़ियल्लाहु अन्हु से मरवी है कि हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया जिस ने दुनिया से मुहब्बत की उस ने आखिरत को नुकसान पहुंचाया और जिस ने आखिरत से मुहब्बत की उस ने दुनिया को किसी लाइक न समझा। तुम फानी दुनिया पर बाकी रहने वाली चीज़ों को तर्जीह दो क्योंकि फ़रमाने नबवी है कि दुनिया की मुहब्बत हर बुराई की बुनियाद है। (मुकाशफुतुल क़ुलूब, बाब 31, पेज 187)

हज़्ज़तुल इस्लाम ईमाम ग़ज़ाली रहमतुल्लाह अलैह मुकाशफतुल क़ुलूब में तहरीर फ़रमाते है की  कु़रआने मजीद और अहादीस में दुनिया की मज़म्मत और दुनिया से तवज्जोह हटा कर आखि़रत की जानिब माइल करने के लिए बेशुमार आयतें और रिवायात हैं बल्कि अम्बियाए किराम अलैहिमुस्सलाम को भेजने का सबब यही चीज़ थी यानी तर्के दुनिया